
ग्रामीण क्षेत्रों की लखपति दीदियां द्वारा बनाए गए उत्पादों में घरेलू सजावट, हैंडीक्रॉफ्ट, आभूषण, और खाद्य सामग्री जैसी चीजें शामिल हैं। इस छूट का उद्देश्य ग्राहकों को स्थानीय उत्पादों से जोड़ना और उनकी खरीदारी में बढ़ावा देना है।
महके हैंडमेड साबुन और शैंपू
सरस मेले में हैंडमेड साबुन और शैंपू इन दिनों चर्चा में है। हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव की रहने वाली मुमताज ने हैंडमेड साबुन और शैंपू तैयार किए हैं। यह साबुन पूरी तरह से केमिकल फ्री हैं और त्वचा के हिसाब से तैयार किए गए हैं।
वह गुलाब, खीरा, एलोवेरा, पुदीना, अमरबेल, चारकोल, खुबानी समेत अन्य फ्लेवर के साबुन तैयार करती हैं। कुछ साबुन स्पेशल आर्डर पर तैयार किए जाते हैं जिनमें नारियल के पीस समेत अन्य फूल साबुत डाले जाते हैं। 30 से लेकर 110 रुपये तक के साबुन हैं। इसके अलावा हैंडमेड शैंपू और हेयर आयल भी तैयार करती हैं।
लखपति दीदी ने हैंड पेंटिंग में बनाई पहचान
सरस मेले की लखपति दीदी बिस्मिता ने पिछले 15 वर्षों में लैंप साइट, पट चित्र, कोयर, चांदुआ, रिंग्स, मंदिर, बुकमार्क, और ताल पत्र पर हैंड पेंटिंग में अपनी पहचान बनाई है। वह रामायण और महाभारत की कलाकृतियों के साथ-साथ जगन्नाथ और कृष्ण की मूर्तियां भी बनाती हैं।
दूसरी ओर, स्वाति ज्वैलरी के क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से सक्रिय हैं। वह रियल पर्ल और रियल स्टोन ज्वैलरी में विशेषज्ञता रखती हैं। उनके बनाए ब्रेसलेट, इयररिंग्स, मालाएं काफी पसंद की जा रही हैं। सरस मेले में अभी दो ही दिन बचे हैं लेकिन लोगों का उत्साह इस मेले को लेकर बढ़ता जा रहा है।