बुलंदशहर में छात्रा से दुष्कर्म के दोषी को 20 वर्ष की जेल
बुलंदशहर। नगर कोतवाली क्षेत्र के स्कूल में पढ़ने वाली कक्षा आठ की छात्रा को डरा धमकाकर होटल में ले जाकर दुष्कर्म के आरोपी राशिद को एडीजे पॉक्सो एक्ट तरुण कुमार सिंह के न्यायालय ने दोषी करार दिया है। साथ ही उसे 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 22 हजार रुपये का अर्थदंड सुनाया गया है।
नगर कोतवाली क्षेत्र के एक मोहल्ला निवासी पीड़ित पिता ने कोतवाली नगर में 24 फरवरी 2024 को तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने बताया था कि उनकी 14 वर्षीय पुत्री नगर के ही एक स्कूल में कक्षा आठ की छात्रा है। नगर निवासी एक युवक राशिद आए दिन उनकी पुत्री के साथ स्कूल आने-जाने पर छेड़छाड़ करता है। 24 फरवरी को भी आरोपी ने उनकी पुत्री के साथ छेड़छाड़ की और जबरन बाइक पर बैठाकर अपहरण कर ले जाने की कोशिश की।
मामले में पुलिस ने तहरीर के आधार पर छेड़छाड़ और अपहरण की कोशिश के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी।, लेकिन बाद में पीड़िता के न्यायालय के समक्ष बयान दर्ज हुए। इसमें उसने बताया था कि उसने आरोपी के भय के कारण पिता को सिर्फ छेड़छाड़ करने और अपहरण की कोशिश करने का मामला बताया था। पीड़िता ने बताया कि आरोपी आए दिन उसके साथ छेड़छाड़ करता था।
24 फरवरी को भी आरोपी ने उसके साथ छेड़छाड़ की और तमंचे के बल पर जबरन पीड़िता को अपनी बाइक पर बैठाकर डीएवी के निकट स्थित एक होटल में ले गया। जहां, आरोपी ने पीड़िता के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया। बाद में आरोपी उसे स्कूल छोड़कर चला गया था। शिकायत करने पर आरोपी ने पीड़िता व उसके माता-पिता की हत्या की धमकी दी थी। आरोपी ने इससे पूर्व भी एक बार छह मार्च को उसके साथ दुष्कर्म की वारदात की थी।
मामले में पुलिस ने पीड़िता के बयानों के आधार पर नामजद आरोपी के खिलाफ एफआईआर में दुष्कर्म की धारा तरमीम कर दी। साथ ही जांच पूरी करने के बाद आरोपी के खिलाफ चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में दाखिल कर दी थी। मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट तरुण कुमार सिंह के न्यायालय में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में सात गवाह पेश किए गए।
न्यायाधीश तरुण कुमार सिंह ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी राशिद को दोषी करार दिया। न्यायाधीश ने अभियुक्त राशिद को 20 वर्ष का कारावास और 22 हजार रुपये अर्थदंड सुनाया है।