उत्तर प्रदेश

संभल में जामा मस्जिद के पास कुंए में पूजा करने पर रोक, SC ने कहा- बगैर अनुमति कोई कदम न उठाएं

दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को संभल की शाही जामा मस्जिद के विवाद में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है. संभल शाही जामा मस्जिद प्रबंधक कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. याचिका में मस्जिद कमेटी प्रबंधन ने मांग की थी कि जिलाधिकारी को निर्देश दिया जाए कि यथास्थिति बरकरार रखी जाए. जिस निजी कुएं की खुदाई की जा रही है, वह मस्जिद की सीढ़ियों के पास है.

सुप्रीम कोर्ट कुएं की पूजा पर रोक लगायी: सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की सदस्यता वाली पीठ ने प्रशासन को यह भी निर्देश दिया है कि वे नगर पालिका के नोटिस पर कार्रवाई न करें, जिसमें सार्वजनिक कुएं को हरि मंदिर बताया गया है और उसकी पूजा की इजाजत दी गई थी. अब सुप्रीम कोर्ट ने पूजा पर रोक लगा दी है.

ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गयी: कुएं के सार्वजनिक इस्तेमाल की छूट है. संभल शाही जामा मस्जिद प्रबंधन कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. ट्रायल कोर्ट ने 19 नवंबर 2024 को मस्जिद के सर्वे का निर्देश दिया था. मस्जिद कमेटी की तरफ से वरिष्ठ वकील हुफैजा अहमदी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए. वहीं वादी पक्ष की तरफ से वरिष्ठ वकील विष्णु शंकर जैन पेश हुए. विष्णु शंकर जैन ने कोर्ट में कहा कि कुआं मस्जिद के बाहर है.

कुएं को लेकर दोनों पक्षों ने रखा अपना पक्ष: वहीं वरिष्ठ वकील हुफैजा अहमदी ने कहा कि कुआं आधा अंदर और आधा मस्जिद के बाहर है. कुआं मस्जिद के इस्तेमाल के लिए ही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुएं का इस्तेमाल अगर मस्जिद के बाहर से हो रहा है, तो इस पर कोई आपत्ति नहीं है.

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