उत्तर प्रदेश

दिल्ली में पीएम मोदी से मिले सीएम योगी, प्रयागराज महाकुंभ मेले में आने का दिया निमंत्रण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार शाम पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान महाकुंभ मेले की तैयारियों पर चर्चा हुई. वहीं मुख्यमंत्री योगी ने पीएम मोदी को महाकुंभ के लिए आमंत्रित किया. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी शेयर करते हुए लिखा कि यूपी के सीएम योगी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है.

वहीं सीएम योगी ने मुलाकात के बाद एक्स पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की. प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और प्रेरणा से सनातन गर्व का प्रतीक महाकुंभ-2025, प्रयागराज अपने दिव्य, भव्य और डिजिटल स्वरूप से दुनिया को ‘नए भारत’ का दर्शन करा रहा है. अपना बहुमूल्य समय देने के लिए पीएम मोदी का हार्दिक आभार.

महाकुम्भ का यह अवसर यूपी की ब्रांडिंग का समय

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को यहां कहा कि महाकुम्भ का यह अवसर उत्तर प्रदेश की संभावनाओं के प्रदर्शन और ब्रांडिंग का सर्वोत्तम समय है. महाकुम्भ मेला सेक्टर तीन स्थित भव्य डिजिटल कुम्भ एक्सपीरियंस सेंटर का उद्घाटन करने के बाद सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से प्रारंभ होने जा रहे प्रयागराज महाकुम्भ में त्रिवेणी स्नान का पुण्य लाभ लेने के लिए पूरी दुनिया में अपूर्व उत्साह है और देश के भीतर न केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि कई अन्य राज्यों की पूरी कैबिनेट संगम स्नान करने की तैयारी कर रही है.

महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता

उन्होंने कहा कि डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरिएंस सेंटर सही मायनों में महाकुम्भ की दिव्यता और भव्यता को डिजिटल रूप से प्रदर्शित करता है. सीएम ने डिजिटल एक्सपीरिएंस सेंटर में वीआर तकनीक के माध्यम से दिखाई जा रही समुद्र मंथन की गाथा की अनुभूति कर इसकी प्रशंसा की. साथ ही उन्होंने डिजिटल एक्सपीरियेंस सेंटर की अन्य सभी गैलरी का निरीक्षण भी किया और इसे नई पीढ़ी को भारत की प्राचीनतम संस्कृति से परिचित करवाने का सबसे उपयुक्त केंद्र बताया.

डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरिएंस सेंटर

उन्होंने कहा कि हमारी भावी पीढ़ी जो महाकुम्भ में संगम स्नान के लिए आएगी, उसे डिजिटल महाकुम्भ एक्सपीरिएंस सेंटर पर जरूर आना चाहिए. इस सेंटर के माध्यम से भावी पीढ़ी को प्राचीनतम भारत की झलक देखने को मिलेगी. वह अपनी जड़ों को महसूस कर पाएंगे और सनातन धर्म के प्रति उनकी आस्था और प्रगाढ़ होगी. विदेशी पर्यटक भी भारत की संस्कृति और इसकी प्राचीनता को महसूस करेंगे.

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