मदरसे में चल रहा था ठगी का कॉल सेंटर, हत्थे चढ़ा सरगना तो सामने आया ये सच
कानपुर। मदरसे की आड़ में साइबर ठगी का गिरोह चलाने वाले एक गैंग का कर्नलगंज पुलिस ने राजफाश किया। यह गिरोह लोगों को डिजिटल अरेस्ट कर व अन्य तरीकों से ठगी करता है। बड़ी बात यह है कि इस गिरोह का संचालन एक मदरसा चलाने वाला मौलाना कर रह रहा था।
यही नहीं पीड़ितों से ठगी जाने वाली रकम को आरोपी मदरसे के खाते में मंगाया जा रहा था। पुलिस ने गिरोह का संचालन करने वाले मौलाना और उसे तकनीकी सहायता देने वाले इंजीनियर साथी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है, जबकि गिरोह के दो सदस्य भागने में कामयाब हो गए। पुलिस के मुताबिक, गिरोह के तार लखनऊ और दिल्ली स्थित कुछ मदरसों से भी जुड़ रहे हैं।
बिहार का रहने वाला है मौलाना
डीसीपी सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मूलरूप से बिहार के दरभंगा जनपद निवासी मौलाना मोहम्मद जावेद अख्तर कर्नलगंज के यतीमखाना में मदरसा कसीमुल उलूमफाउंडेशन चलाता है। जावेद कहने को मौलाना था, मगर उसकी असलियत यह है कि वह साइबर ठग है।
आरोपी के गैंग के सदस्य देश के अलग-अलग हिस्सों में साइबर ठगी करके ठगी गई रकम को मदरसे के चैरिटी अकाउंट में मांगता था, जबकि गिरोह का दूसरा सदस्य बेकनगंज के हीरामन का पुरवा निवासी मोहम्मद स्वालेह है, जो इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी से बीटेक इंजीनियर है। वह खाते में रकम मांगने और उसे अलग-अलग खातों में बांटने के साथ तकनीकी रूप से मौलाना की मदद करता था।
गिरोह शुक्रवार रात को जीआईसी पार्क में ठगी की योजना बना रहा था। तभी कर्नलगंज पुलिस ने मौलाना मो. जावेद अख्तर और मो. स्वालेह को पकड़ा, जबकि उसके दो साथी मौके से भाग निकले। आरोपियों पर कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजा गया है।
वडोदरा के कारोबारी से 65 लाख रुपये ठगे
पुलिस ने बताया कि इस गिरोह ने गुजरात के वडोदरा के एक कारोबारी को डिजिटल अरेस्ट कर 65 लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपियों ने कारोबारी से ठगी गई रकम से 32.50 लाख रुपये मदरसे के अकाउंट में ट्रांसफर कराए थे। कुछ दिनों पहले वडोदरा पुलिस ने मौलाना को नोटिस भेजकर मदरसे के अकाउंट फ्रीज कर दिया था।
खुद को बचाने के लिए मौलाना से पुलिस से की शिकायत
पुलिस ने बताया कि जब वडोदरा पुलिस ने मदरसे का खाता फ्रीज किया तो मौलाना मो. जावेद अख्तर पकड़े जाने के डर से कानपुर कमिश्नरेट पुलिस और आईजीआरएस में शिकायत की। मौलाना ने दावा किया था कि मदरसे में मदद के नाम पर रकम भेजी गई है। उनका साइबर ठगों से कोई लेना-देना नहीं है।
पुलिस की जांच में सामने आया कि मौलाना के साइबर साथी कानपुर के अलावा दिल्ली और लखनऊ में मौजूद हैं। साइबर ठगों ने मौलाना के सिम का भी प्रयोग किया है, जिसके आधार पर मौलाना को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
मौलाना को मिलती थी 20-30 प्रतिशत कमीशन
पुलिस ने बताया कि साइबर ठग मौलाना के मदरसे में रकम भेजते थे। मौलाना खाते में आई रकम का 20-30 प्रतिशत काटकर रकम लौटाते थे। आरोपी मो. स्वालेह अलग-अलग खातों में रकम मांगने के बाद उनसे नकद हासिल करता था। आरोपी मो. स्वालेह बीटेक करने के बाद एक निजी कंपनी में इंजीनियर था। वह जल्द करोड़पति बनने के लिए साइबर ठगी के गिरोह में शामिल हो गया।