यूपी पुलिस का एक और कारनामा, हत्यारोपितों को तमंचे में जेल भेजा; चौकी प्रभारी समेत चार निलंबित
बरेली जिले के बिथरी चैनपुर में जनसेवा केंद्र संचालक की गोली मारकर हत्या करने के दो मुख्य आरोपियों की तलाश में पुलिस व एसओजी जगह-जगह दबिश दे रही थी। उनके कई रिश्तेदार पकड़कर थाने में बैठाए लेकिन वे दोनों बदायूं पुलिस की शरण में पहुंच गए और सेटिंग कर तमंचा समेत अपनी गिरफ्तारी दे दी। मामले की पोल खुलने पर आईजी डॉ.राकेश सिंह ने नाराजगी जताई तो एसपी बदायूं ने दरोगा समेत चार पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है।
बिथरी चैनपुर के गांव रजऊ परसपुर में रहने वाले जनसेवा केंद्र संचालक नन्हे बाबू की 27 नवंबर की रात हमलावरों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर हत्या कर दी थी। इस मामले में उनकी पत्नी अंकिता ने थाना बिथरी चैनपुर में रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें मुख्य आरोपी के तौर पर गांव के ही सगे भाई भूरे और राजवीर के नाम सामने आए थे। जमीन के विवाद को लेकर नन्हे बाबू की हत्या की गई थी। पुलिस और एसओजी टीम दोनों आरोपियों की तलाश में दबिश दे रही थी। उनके कई रिश्तेदार भी हिरासत में लेकर पूछताछ को बैठाए गए। मगर इसी बीच भूरे और राजवीर ने बदायूं पुलिस से सेटिंग कर ली और मंगलवार को थाना सिविल लाइंस में दरोगा वीर सिंह, हेड कांस्टेबल शोभित यादव, कांस्टेबल कालीचरन व सुशील कुमार के जरिए गिरफ्तारी दिखा दी। मामला खुलने पर आईजी डॉ.राकेश सिंह ने इस पर नाराजगी जताई तो एसपी बदायूं डॉ.ब्रजेश कुमार सिंह ने दरोगा समेत चारों को सस्पेंड कर दिया है। थाना प्रभारी समेत अन्य की भूमिका की जांच कराई जा रही है।
वकील के मुंशी के जरिये हुई थी सेटिंग, थाना प्रभारी भी फंसे
बिथरी चैनपुर के हत्यारोपियों द्वारा सेटिंग कर बदायूं के थाना सिविल लाइंस में गिरफ्तारी देने और जेल जाने के घटनाक्रम को लेकर हड़कंप मच गया है। भूरे और राजवीर की गिरफ्तारी थाना सिविल लाइंस के दरोगा वीर सिंह, हेड कांस्टेबल शोभित यादव, कांस्टेबल कालीचरन व सुशील कुमार के जरिये दिखाई गई। बुधवार को मामला खुलने पर एसएसपी अनुराग आर्य ने बदायूं एसपी से पूरे मामले की जानकारी ली और यहां के घटनाक्रम से अवगत कराया। इस पर बदायूं एसपी ने थाना सिविल लाइंस से पूरे मामले की जानकारी ली। एसएसपी अनुराग आर्य ने आईजी डॉ.राकेश सिंह को बदायूं पुलिस के कारनामे से अवगत कराया तो उन्होंने इस पर नाराजगी जताई और एसपी बदायूं को पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद दरोगा वीर सिंह, हेड कांस्टेबल शोभित यादव, कांस्टेबल कालीचरन व सुशील कुमार को एसपी बदायूं ने सस्पेंड कर दिया। साथ ही थाना प्रभारी सिविल लाइंस मनोज कुमार सिंह समेत अन्य की भूमिका के जांच के निर्देश दिए गए हैं।
बरेली पुलिस को भी नहीं दी गई सूचना
मंगलवार दोपहर बदायूं में थाना सिविल लाइंस क्षेत्र में राशिद के ट्यूबवैल के पास इकलहरी जाने वाले रास्ते पर उनकी गिरफ्तारी दिखाई गई। मगर बदायूं पुलिस ने इस बारे में बरेली पुलिस को सूचना तक नहीं दी। जबकि नियमानुसार यहां के अपराधियों की गिरफ्तारी होने पर स्थानीय पुलिस को सूचना दी जानी चाहिए थी। बुधवार को मामला खुलने पर बरेली पुलिस ने बदायूं पुलिस से संपर्क किया तो यहां से लेकर वहां तक हड़कंप मच गया।
वकील के मुंशी के जरिये हुई सेटिंग
बताया जाता है कि भूरे और राजवीर का एक रिश्तेदार बदायूं में वकील का मुंशी है, जिसकी सिविल लाइंस थाना पुलिस से घनिष्ठता थी। ये दोनों मुंशी के संपर्क में थे, यह जानकारी मिलने पर सोमवार को बिथरी पुलिस ने मुंशी के बेटे को पूछताछ के लिए उठा लिया। चर्चा है कि इसके बाद ही मुंशी ने थाना प्रभारी मनोज सिंह व दरोगा वीर सिंह के जरिये सेटिंग कर दोनों की बदायूं में तमंचे के साथ गिरफ्तारी करा दी। थाना प्रभारी मनोज सिंह का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। दरोगा वीर सिंह ने दोनों को गिरफ्तार किया था।
रिमांड पर लेकर की जाएगी पूछताछ
बदायूं में भूरे और राजवीर की गिरफ्तारी होने के बाद बिथरी चैनपुर पुलिस अब इन दोनों का कोर्ट से रिमांड लेगी। रिमांड पर लेने के बाद दोनों से घटना के बारे में पूछताछ कर साक्ष्य जुटाए जाएंगे। साथ बदायूं पुलिस से सेटिंग कर तमंचे में जेल जाने के बारे में भी पूछताछ की जाएगी।
आईजी डॉ. राकेश सिंह ने बताया, मामला संज्ञान में आने पर बदायूं में थाना सिविल लाइंस के दरोगा, हेड कांस्टेबल और दो सिपाहियों को सस्पेंड कर दिया गया है। एसपी बदायूं को थाना प्रभारी समेत अन्य की भूमिका की जांच कराने के निर्देश दिए हैं। जेल गए दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ कराई जाएगी।