गुरुग्राम। प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर से विधायक राव नरबीर सिंह चौथी बार मंत्री बनेंगे। बादशाहपुर से दूसरी बार विधायक बने हैं। वर्ष 2014 में उन्होंने ही बादशाहपुर में पहली बार कमल खिलाया था। वह पहली बार 1987 में 26 साल की उम्र में जाटूसाना से राव इंद्रजीत सिंह को हराकर विधायक बनने के साथ ही ताऊ देवीलाल सरकार में गृह राज्यमंत्री बने थे।
1996 में सोहना से विधायक बनने के साथ ही बंसीलाल सरकार में परिवहन एवं सहकारिता मंत्री बने। 2014 में बादशाहपुर से विधायक चुने जाने के बाद मनोहर लाल सरकार में लोक निर्माण एवं वन मंत्री बने। अब 2024 में चौथी बार विधायक बनने के साथ ही नायब सिंह सैनी सरकार में मंत्री बनने जा रहे हैं।
पलवल से गौरव गौतम भी बनेंगे मंत्री, पहली बार बने हैं विधायक
पलवल विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने भाजपा के युवा नेता गौरव गौतम को भी हरियाणा सरकार में मंत्री पद मिलेगा। गौरव गौतम ने पूर्व मंत्री करण सिंह दलाल को 33,605 के बड़े अंतर से हराया था।
25 साल बाद पलवल जिले को मंत्री पद मिल रहा है। 1996 में पलवल जिला से पलवल से विधायक करण सिंह दलाल, होडल से विधायक जगदीश नायर, हथीन से विधायक हर्ष कुमार को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।
पांच साल में बदल जाएगी गुरुग्राम की तस्वीर : राव नरबीर सिंह
राव नरबीर सिंह प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा सीट बादशाहपुर है। मतदाताओं की संख्या पांच लाख से अधिक पहुंच चुकी है। इस सीट से इस बार भाजपा ने राजनीति के दिग्गज खिलाड़ी पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह को उतारा था।
वह शुरू से ही कह रहे थे कि उनकी जीत पक्की है। उन्हें यदि कोई क्षेत्र में चुनौती दे सकता है तो वह हैं राव इंद्रजीत सिंह। राव इंद्रजीत सिंह के अलावा उनका कोई मुकाबला नहीं कर सकता।
पलवल विधानसभा सीट पर पहली बार बना ब्राह्मण विधायक
पलवल विधानसभा सीट पर भाजपा के युवा नेता गौरव गौतम ने करण सिंह दलाल जैसे दिग्गज को पटखनी देकर सभी को चौंका दिया है। गौरव गौतम की जीत के साथ ही जिले के इतिहास में पहली बार ब्राह्मण समुदाय से कोई विधायक बना है। भाजपा ने पलवल विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक दीपक मंगला का टिकट काटकर ब्राह्मण समुदाय से आने वाले युवा नेता गौरव गौतम पर भरोसा जताया था।
इससे पहले कई बार राष्ट्रीय पार्टियों ने ब्राह्मण नेताओं पर दांव लगाया, लेकिन कोई भी जीत हासिल नहीं कर सका था। वर्ष 2024 के चुनाव से पहले पलवल विधानसभा सीट पर सात बार जाट, पंजाबी दो बार, वैश्य दो बार, गुर्जर तीन बार चुनाव जीते हैं। उल्लेखनीय है कि पलवल विधानसभा सीट पर एक उपचुनाव सहित 15 चुनाव हुए हैं।
कांग्रेस पांच बार, लोकदल दो बार, भाजपा और हरियाणा विकास पार्टी दो बार, जनता पार्टी, आरपीआई, आर्य सभा, निर्दलीय एक-एक बार चुनाव जीते हैं। कांग्रेस ने लगातार चार बार ब्राह्मण प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतारे, लेकिन किसी को सफलता हाथ नहीं लगी। कांग्रेस ने 1987, 1991, 1996 और 2000 में ब्राह्मण नेताओं को टिकट दिया। कोई चुनाव नहीं जीत सका।