चंडीगढ़। डेरा सच्चा सौदा सिरसा ने पवित्र श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की है।
डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह पर लगाए गए श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की बेअदबी के आरोपों पर डेरे ने मंगलवार को चुप्पी तोड़ी है। डेरे की ओर से कहा गया है कि डेरा प्रमुख पर लगाए गए बेअदबी के समस्त आरोप बेबुनियाद और झूठे हैं।
‘बेअदबी केस में फंसाने की साजिश’
डेरा सच्चा सौदा सिरसा के प्रवक्ता जितेंद्र खुराना एडवोकेट ने मंगलवार को चंडीगढ़ में कहा कि श्री गुरुग्रंथ साहिब जी की बेअदबी करने में डेरा सच्चा सौदा अथवा डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह का कोई हाथ नहीं है। केवल साजिशवश डेरा प्रमुख को इस केस में फंसाने का काम किया जा रहा है।
डेरा प्रमुख ने हमेशा ही सभी धर्मों का आदर सत्कार किया है। बेअदबी करना तो दूर, ऐसी कल्पना भी कभी डेरा सच्चा सौदा के किसी भी सदस्य अथवा डेरा प्रमुख द्वारा नहीं की गई है।
जितेंद्र खुराना एडवोकेट ने कहा कि श्री गुरुग्रंथ साहिब जी के पवित्र अंगों की जो बेअदबी हुई है, उसकी डेरा सच्चा सौदा कड़े शब्दों में निंदा करता है और मांग करता है कि इसकी निष्पक्ष जांच कराकर असली दोषियों को सामने लाया जाए तथा उनके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि डेरा प्रमुख को साजिश में फंसाना उचित नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने केस चलाने की दी मंजूरी
बता दें कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से संबंधित तीन मामलों में गुरमीत राम रहीम सिंह के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगाने के हाईकोर्ट के फैसले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाते हुए केस चलाने की मंजूरी दे दी। डेरा प्रमुख के खिलाफ साल 2015 में पंजाब के फरीदकोट में बेअदबी की घटनाओं को लेकर शिकायत की गई थी।
दरअसल, साल 2021 के दिसंबर में इस मामले की सुनवाई के दौरान पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने डेरा प्रमुख राम रहीम के खिलाफ कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
12 अक्टूबर 2015 को पंजाब के फरीदकोट के बरगारी गांव में श्री गुरु ग्रंथ साहिब के हिस्से बिखरे पाए गए थे। जिसके बाद पुलिस स्टेशन बाजाखाना में आईपीसी की धारा 295, 120-बी के तहत केस दर्ज किया गया था।