नोएडा अथॉरिटी के पूर्व ओएसडी की जांच करेगा ईडी, काली कमाई का सुराग मिलने से हरकत में आया निदेशालय
लखनऊ। नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व ओएसडी रविंदर सिंह यादव की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। उनके विरुद्ध प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी जांच करने की तैयारी शुरू कर दी है। उनके ठिकानों पर बीते दिनों विजिलेंस की छापेमारी में आय से अधिक संपत्ति मिली थी।
रविंद्र सिंह यादव वर्तमान में निलंबित चल रहे हैं। उनके ठिकानों पर बीते दिनों मेरठ की विजिलेंस टीम ने छापेमारी की थी। उनके नोएडा स्थित आवास और इटावा के मलाजनी गांव में बेटे के निखिल यादव के स्कूल में विजिलेंस की टीमों ने जांच की थी। जांच में कई करोड़ रुपये की संपत्ति से संबंधित दस्तावेज मिले थे।
साथ ही उनकी तीन मंजिला कोठी की कीमत करीब 16 करोड़ रुपये व बेटे के नाम पर चल रहे स्कूल की कीमत 15 करोड़ रुपये आंकी गई है। उनकी कोठी में लगे सामानों की कीमत करीब 37 लाख रुपये आंकी गई है। विजिलेंस की छापेमारी में परिजनों के पास से 62.44 लाख रुपये के आभूषण और 2.47 लाख की नकदी मिली थी।
सीबीआइ ने वर्ष 2007 में नियम के विरुद्ध 9,712 वर्ग मीटर सरकारी भूखंड को एक प्राइवेट ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी को आवंटित करने के आरोप में उनके विरुद्ध जांच की थी। विजिलेंस की जांच के बाद ईडी ने भी मनी लांड्रिंग के मामले को लेकर पूर्व ओसडी के विरुद्ध जांच करने की तैयारी शुरू कर दी है।
फर्म पर एसआईबी का छापा, कारोबारियों में खलबली
वहीं, रायबरेली में जीएसटी की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन ब्रांच (एसआईबी) ने शहर के धमसीराय के पुरवा की एक कंपनी में छापा मारा है। जिसमें जांच के दौरान कंपनी में ताला लगा मिला, उसमें व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह बंद पाई गई। जबकि कागजात पर फर्म काम कर रही है। इसके बाद जिले के कारोबारियों में खलबली मच गई। वहीं जांच अधिकारियों ने कारोबारी को कागजात के साथ तलब होने के लिए कहा है।
जानकारी के मुताबिक एसआईबी के राडार पर अभी कई कारोबारी हैं, जिन पर कभी भी छापेमारी की कार्रवाई हो सकती है। जीएसटी विभाग की सभी विंग इस समय पूरी तरह एक्शन मोड में हैं। जीएसटी चोरी रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत लखनऊ की एसआईबी टीम ने जिले की बोगस फर्म व जीएसटी चोरी कर रहे कारोबारियों को राडार पर ले लिया है।
इसके तहत लगातार ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई शुरू हो गई है। कार्रवाई को इतनी गोपनीयता से किया जा रहा है कि बचने की गुंजाइश न के बराबर है। इसी के तहत बोगस कंपनी की जानकारी मिलने पर एसआईबी की टीम हरकत में आई हैं। टीम ने शहर के रतापुर के पास धमसीराय के पुरवा में स्थित एक फर्म पर छापा मारा। इस दौरान टीम के अधिकारियों के वहां ताला लगा मिला।
वहां सभी व्यवसायिक गतिविधियां पूरी तरह से बंद पाई गई, जिसके बाद टीम के सदस्यों के समझते देर न लगी कि यह कंपनी बोगस है। इसके बाद अधिकारियों ने कारोबारी से संपर्क किया, जिस पर कारोबारी ने बेटे के अस्पताल में भर्ती होने की बात बताई। जिस पर अधिकारियों ने कारोबारी से सोमवार को कागजात के साथ शामिल होने के लिए कहा।
विभाग की इस कार्रवाई के बाद जिले के कारोबारियों में खलबली मची है। फिलहाल टीम जीएसटी चोरी कर रहे कारोबारियों को छोड़ने के मूड में नहीं है। वर्जन एक फर्म पर कार्रवाई की गई है। मौके पर कंपनी में ताला लगा है। इसकी जांच की जाएगी। व्यापारी से संपर्क कर उसे सोमवार को कागजात के साथ उपलब्ध हाेने के लिए कहा गया है। अजीत सिंह, उपायुक्त एसआइबी लखनऊ