लापरवाही बरतने पर दो थानेदार समेत आठ पुलिसकर्मी निलंबित, प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुआ था बवाल

पडरौना। उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां दशहरा और प्रतिमा विसर्जन के दौरान लापरवाही बरतने पर एसपी ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की है। पडरौना कोतवाली व कप्तानगंज के थानेदार समेत सात पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। जबकि एक दिन पहले विशुनपुरा थाने में आरोपित फार्मासिस्ट को कुर्सी पर बैठकर दाढ़ी बनवाने की छूट देने के मामले में हवलदार को निलंबित किया गया है।
बीते दिनों पडरौना शहर के छावनी मोहल्ले में प्रतिमा लेकर जा रहे युवकों पर पथराव किया गया था। इस दौरान जुलूस में प्रतिमा लेकर जा रहे युवकों से मारपीट की गयी थी। इसे लेकर लोग उग्र हो गए थे। हालांकि पुलिस ने समय रहते विवाद को शांत करा दिया था।
पथराव में प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो गयी थी। बाद में पुलिस को दूसरी प्रतिमा मंगवाकर कर देनी पड़ी थी। पुलिस ने अगले ही दिन इस मामले में 28 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इसमें चार महिलाएं भी शामिल थीं। चार बाल अपचारियों को भी पुलिस ने अपनी अभिरक्षा में लिया था।
एसपी ने त्योहार से पहले स्थितियों का गंभीरता से आकलन नहीं कर पाने के मामले में प्रभारी निरीक्षक आशुतोष कुमार सिंह, कस्बा चौकी इंचार्ज संदीप सिंह, बीट सिपाही अभिजीत व अमरजीत यादव को दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है।
इसी तरह कप्तानगंज क्षेत्र की प्रतिमाओं के विसर्जन के दौरान वहां एक युवक की नदी में डूबकर मौत हो गयी थी। 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद उसका शव बरामद हुआ था। इस मामले में कप्तानगंज थानेदार राजकुमार बरवार, कस्बा चौकी इंचार्ज दीपक सिंह व बीट सिपाही को लापरवाह करार देते हुए एसपी ने तीनों को निलंबित कर दिया है।
एक दिन पहले विशुनपुरा थाने में बंद छेड़छाड़ के मामले में मारपीट के आरोपित फार्मासिस्ट को थाने में कुर्सी पर बैठाकर दाढ़ी बनवाने की छूट दी गयी थी। इसकी फोटो वायरल कर कुछ लोगों ने पुलिस पर आरोपित को वीआइपी ट्रीटमेंट देने के आरोप लगाए थे। इस मामले में एसपी ने थाने के मुख्य आरक्षी रवींद्रनाथ को दोषी करार देते हुए निलंबित कर दिया है।