बुलंदशहर में अधिकारियों की अनदेखी या लोगों की कम रूचि, सामूहिक विवाह योजना में लक्ष्य 1500 का, शादी कराईं सिर्फ 24
बुलंदशहर। इसे विभागीय अधिकारियों की अनदेखी कहा जाए या फिर पात्र योजना का लाभ नहीं उठाना चाहते। बात कर रहे हैं मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की। जिले में स्थिति यह है कि योजना से 1500 शादी कराने का लक्ष्य मिला है। लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद भी अभी तक 24 शादी ही हो सकी हैं। वहीं, 186 आवेदकों को शादी का इंतजार है।
प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित की जा रही है, ताकि जरूरतमंद परिवारों की कन्याओं के हाथ पीले हो सकें। इस योजना के तहत पात्र परिवार को समाज कल्याण विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। विभाग की ओर से आवेदन करने वालों को सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल किया जाता है। एक शादी कराने पर 51 हजार रुपये खर्च किए जाते हैं।
इसमें से 35 हजार रुपये उस युवती के बैंक खाते में जमा कराए जाते हैं, जो सामूहिक विवाह में शामिल होती है। 10 हजार रुपये का दान स्वरूप सामान दिया जाता है और छह हजार रुपये सामूहिक विवाह कार्यक्रम में खर्च करने का प्रावधान है।
इस बार अप्रैल माह से शुरू हुए वित्तीय वर्ष में विभाग को जिले में 1500 शादी कराने का लक्ष्य मिला लेकिन आठ माह बीत जाने के बाद विभाग सिर्फ 24 शादी ही करा सका है। वहीं, अब तक 186 आवेदन प्राप्त हुए हैं। इनमें 160 ग्रामीण क्षेत्र से और 26 नगर पालिका क्षेत्र से प्राप्त हुए हैं। इन सभी को योजना के तहत होने वाली शादी का इंतजार है।
आवेदन कराने में भी विफल साबित हो रहा विभाग : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के प्रचार-प्रसार के लिए भी शासन की ओर से निर्देश जारी किए जाते हैं। लेकिन जिले की स्थिति यह है कि विभाग आवेदन कराने में भी विफल साबित हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की बात की जाए जो जहांगीराबाद क्षेत्र से सबसे अधिक 27 आवेदन प्राप्त हुए हैं।