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डेढ़ मिनट में बाइक छूमंतर, ऑन डिमांड करते चोरी; नोएडा पुलिस ने 4 शातिर चोरों को यूं दबोचा

नोएडा सेक्टर-126 थाने की पुलिस ने रेकी करने के बाद महज 90 सेकेंड यानि डेढ़ मिनट के भीतर बाइक चुराने वाले गिरोह का पर्दाफाश कर सरगना समेत चार आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। आरोपियों की निशानदेही पर अलग-अलग स्थानों से नौ बाइक, तमंचा और कारतूस बरामद हुआ है।

डीसीपी रामबदन सिंह ने बताया कि शहर के अलग-अलग हिस्सों से दोपहिया वाहन चोरी होने की शिकायतें लगातार मिल रही थीं। इसके चलते सेक्टर-126 थाने की पुलिस ने शुक्रवार को जांच अभियान चलाया और एक ऐसे गिरोह का पकड़ लिया, जो वाहन चोरी की वारदात करने की फिराक में घूम रहा था। गिरफ्त में आए आरोपियों की पहचान रायपुर निवासी संजय कुमार, कार्तिक और सुमित व छलेरा निवासी आदित्य के रूप में हुई है। संजय गिरोह का सरगना है। संजय की आयु 28 वर्ष है, जबकि अन्य तीनों बदमाशों की आयु 19 साल है। संजय ने पहली वाहन चोरी साल 2016 में की थी। आरोपी महज पांचवीं से आठवीं पास हैं।

पूछताछ में आरोपियों ने पुलिस को अपने कई अन्य साथियों के नाम भी बताए। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए गठित टीम संभावित ठिकानों पर दबिश दे रही है। पूछताछ में पता चला कि गिरफ्त में आए चारों बदमाश अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं। गिरोह का सरगना बीते आठ सालों से वाहन चोरी की वारदात कर रहा है। बरामद नौ बाइक में से तीन बाइक का पता चल गया है कि वे कहां से चुराई गई थीं। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया वे बीते कुछ महीने में 20 से अधिक वाहनों की चोरी कर चुके हैं।

चोरी की वारदात के लिए गिरोह के सदस्यों का काम बंटा हुआ था। गिरोह का सरगना संजय पहले किसी अन्य गिरोह से जुड़ा था और वाहनों की चोरी करता था। कुछ समय पहले वह गिरोह से अलग हुआ और अपना खुद का गिरोह बना लिया। उसने गिरोह में ऐसे युवकों को जोड़ा, जो बेरोजगार हों और नौकरी की तलाश कर रहे हों। युवकों से दोस्ती करने के बाद संजय उनसे वाहनों की चोरी कराने लगता था। आदित्य, कार्तिक और सुमित को संजय ने कुछ महीने पहले ही गिरोह से जोड़ा था।

ऑन डिमांड घटना को अंजाम देते थे आरोपी

एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी ऑन डिमांड वाहनों की चोरी करते थे। अगर कोई व्यक्ति कह देता था कि इस कंपनी और कलर की बाइक उन्हें इतने दाम में चाहिए तो आरोपी 15 दिन में उसे उसी प्रकार की बाइक चोरी कर उपलब्ध करा देते थे। चोरी की बाइक आरोपी दस से 25 हजार रुपये में बेचते थे। सरगना सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत पैसा लेता था।

वारदात के बाद झाड़ियों में छिपाए वाहन

पुलिस के अनुसार रेकी करने के बाद संजय गिरोह के सदस्यों को बताता था कि किस वाहन की चोरी कहां से करनी है। इसके बाद अन्य आरोपी पहुंचते थे और वाहन चुरा लेते थे। वारदात करते समय गिरोह के चारों सदस्य एक ही जगह पर दो बाइक से रहते थे। खतरे का अंदेशा होते ही आरोपी बाइक पर सवार होकर भाग जाते थे। चोरी के बाद आरोपी वाहन को कुछ दिन तक झाड़ियों में छिपा देते थे। जैसे ही ग्राहक मिलता था, वैसे ही झाड़ियों से बाइक को निकालकर उस तक पहुंचा दी जाती थी।

ऑन डिमांड घटना को अंजाम देते थे आरोपी

एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि आरोपी ऑन डिमांड वाहनों की चोरी करते थे। अगर कोई व्यक्ति कह देता था कि इस कंपनी और कलर की बाइक उन्हें इतने दाम में चाहिए तो आरोपी 15 दिन में उसे उसी प्रकार की बाइक चोरी कर उपलब्ध करा देते थे। चोरी की बाइक आरोपी दस से 25 हजार रुपये में बेचते थे। सरगना सबसे ज्यादा 40 प्रतिशत पैसा लेता था।

लोगों को डराने के लिए तमंचा रखते थे

वारदात का विरोध करने पर लोगों को डराने के लिए आरोपी अपने पास तमंचा और चाकू रखते थे। गिरोह के सदस्यों के निशाने पर सुनसान स्थान और पार्किंग में खड़े वाहन होते थे। सड़क किनारे अगर कोई बाइक छोड़कर चला जाए तो आरोपी उसे रेकी करने के बाद चुरा लेते थे। खास बात यह है कि आरोपी वाहन को चुराने में महज डेढ़ मिनट का समय लेते थे।

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