उत्तर प्रदेश

विदेशी भक्तों की अनूठी है कार्तिक नियम सेवा, सुबह यमुना स्नान, मंगला आरती कर परिक्रमा और शाम को दीपदान;

वृंदावन। कार्तिक माह में नियम सेवा का पुण्य वर्ष भर में कई गई साधना से अधिक मिलता है। इसे दामोदर मास भी कहा जाता है। यही कारण है कि इस पूरे महीने सुबह मंगला आरती से लेकर परिक्रमा और शाम को दीपदान के लिए हजारों भक्तों ने वृंदावन में डेरा डाल लिया है। ऐसे में वृंदावन के गेस्टहाउस और होटल फुल हो चुके हैं। इस्कान मंदिर से लेकर सप्तदेवालयों में भक्त नियम सेवा के लिए सुबह से शाम तक पहुंच रहे हैं।

तीर्थनगरी के प्राचीन सप्तदेवालयों समेत सभी मंदिरों में कार्तिक मास नियम सेवा की शुरुआत हो चुकी है। कार्तिक माह में राधादामोदर मंदिर में कार्तिक सेवा महोत्सव चल रहा है। इसमें धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने को सैकड़ों विदेशी भक्तों ने आश्रमों में पहुंच चुके हैं। कार्तिक (दामोदर मास) को लेकर नगर सप्तदेवालयों में प्रभु की विशेष पूजा-अर्चना व कार्तिक नियम सेवा की प्राचीन परंपरा को ध्यान में रखते हुए तैयारी जोरों पर है।

ठाकुर राधा दामोदर मंदिर के सेवायत कृष्ण बलराम गोस्वामी ने बताया दामोदर मास को भगवान विष्णु की आराधना के साथ प्रभु सेवा का सर्वोत्तम समय माना गया है। इस कारण दामोदर मास में मंदिरों में प्रभु दर्शन को बड़ी संख्या में विदेशी भक्त भी आ रहे हैं।

वृंदावन में विशेष है महत्व

नियम सेवा में प्रमुख रूप से यमुना स्नान, मंगला दर्शन और वृंदावन की पंचकोसीय परिक्रमा का विशेष महत्व है। राधादामोदर कार्तिक नियम सेवा महोत्सव में अन्नकूट छप्पन भोग, तुलसी शालिग्राम विवाह और कार्तिक पूर्णिमा पर रासरासेश्वर के दर्शन होंगे। कार्तिक माह में प्रतिदिन मंगला आरती प्रात: 4.15 बजे, संध्या आरती छह बजे और शयन आरती रात्रि 9.45 बजे होगी।

इस्कान मंदिर में भी नियम सेवा करेंगे विदेशी भक्त

कार्तिक के महीने में दुनियाभर से करीब 25 हजार इस्कान भक्त पूरे महीने में कार्तिक महोत्सव में शामिल होने पहुंचेंगे। कार्तिक का महीना शुरू होते ही विदेशी भक्तों ने नियम सेवा शुरू कर दी है। यमुना पूजन, पंचकोसीय परिक्रमा, मंदिरों की मंगला आरती और शाम को दीपदान में शामिल होकर कार्तिक नियम सेवा कर रहे हैं।

नियमसेवा करते भक्तों का गंदगी से आहत हो रही आस्था

कार्तिक के महीने में नियम सेवा करने के लिए देश दुनिया के लाखों श्रद्धालुओं ने वृंदावन में डेरा डाला है। नियम सेवा करने वाले श्रद्धालुओं की दिनचर्या भोर में यमुना स्नान के साथ होती है। लेकिन, यमुना किनारे अटी पड़ी गंदगी और खुले नालों से यमुना में गिर रहा शहर का प्रदूषित पानी लगातार यमुना में पहुंच रहा है। ऐसे में नियम सेवा कर रहे श्रद्धालुओं की आस्था आहत हो रही है। हालात ये कि गंदगी से होकर गुजरते हुए श्रद्धालु यमुना स्नान को पहुंच रहे हैं और यमुना स्नान करने के बाद गंदगी में होकर ही लौट रहे हैं। ये श्रद्धालु यमुना स्नान के बाद ही मंदिरों की मंगला आरती और पंचकोसीय परिक्रमा करते हैं।

सबसे बड़ा महीना है ये

भगवान श्रीराधाकृष्ण की लीलाभूमि में कार्तिक का महीना ठाकुरजी के प्रति आस्था जताने का सबसे बड़ा महीना माना जाता है। गौड़ीय संप्रदाय के मंदिर और आश्रमों में देश दुनिया के श्रद्धालु हर दिन मंगला आरती व दर्शन के साथ यमुना स्नान और पंचकोसीय परिक्रमा व शाम को दीपदान कर नियम सेवा कर रहे हैं। ये सिलसिला लगातार कार्तिक पूर्णिमा तक चलेगा। इतना ही नहीं इस महीने शुरू होने वाली ब्रज चौरासीकोस परिक्रमा यात्रा में शामिल होने को करीब दस से बारह हजार विदेशी भक्त भी वृंदावन में डेरा डालेंगे। सुबह से शाम तक मंदिरों के दर्शन, आरती और यमुना स्नान कर नियम सेवा करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी लाखों में पहुंच चुकी है।

जबकि यमुना किनारे नगर निगम ने न तो गंदगी को साफ करवाने की जहमत उठाई है और न ही खुले नालों से गंदे पानी काे यमुना में प्रवाहित होने से अब तक रोका ही जा सका है। जबकि दुर्गंध भरा गंदा पानी लगातार यमुना में प्रवाहित हो रहा है। किनारे दल दल और कूड़े के ढ़ेर श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत कर रहे हैं।

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