उत्तर प्रदेशसीतापुर

डेंगू मरीजों के साथ हो रही लापरवाही ख़तरे में जान।

सीतापुर। जिले में मरीजों के परिजनों ने कहा वार्ड में मच्छर बहुत अधिक हैं। जिला अस्पताल पर मच्छरों के बचाव के लिए कोई खास इंतजाम नहीं है। मरीजों सहित उनके परिजनों को हाथ वाले/ विद्युत पंखों का सहारा लेना पड़ रहा है।

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। इन मरीजों के इलाज में जिला अस्पताल में लापरवाही बरती जा रही है। डेंगू वार्ड में बिना मच्छरदानी के मरीजों को भर्ती कर दिया गया है। मच्छरों से मरीज व उनके परिजन काफी परेशान हो रहे हैं। इससे संक्रमण दूसरे मरीजों में फैलने का खतरा बना हुआ है।

जिले में इस समय डेंगू के पचास मामले हैं। यह मरीज सरकारी व प्राइवेट में इलाज करा रहे हैं। जिला अस्पताल में दो मरीज भर्ती है। इन मरीजों के लिए अलग से दस बेड का डेंगू वार्ड बनाया गया है। इस वार्ड में दो मरीजों का इलाज चल रहा है। जबकि अन्य पांच मरीजों को संदिग्ध मरीज इलाज हो रहा है। लेकिन वार्ड में इलाज में लापरवाही हो रही है। मरीजों के लिए किसी भी बेड पर मच्छर दानी नहीं लगी हुई है। मरीज पंखे के नीचे लेटे हुए है।एक मरीज के परिजन ने बताया यहां पर बहुत मच्छर लग रहे हैं। रात में सोना मुश्किल है। लेकिन अस्पताल की तरफ से कोई मच्छरदानी नहीं दी जा रही है। इससे यह संक्रमण दूसरे मरीजों में फैलने का खतरा बना हुआ है।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. इंद्र सिंह ने बताया कि अस्पताल में डेंगू मरीजों के लिए पर्याप्त दवाएं उपलब्ध है। मरीजों के लिए मच्छर दानी की भी व्यवस्था है। हर महीने में पंद्रह हजार ब्लड सैंपल लिए जाते हैं सैंपल के सभी किड्स उपलब्ध है जो भी मरीज डेंगू पॉजिटिव निकलता है उसका समुचित इलाज किया जाता है।

जिला अस्पताल के चिकित्सक डॉ. गौरव मिश्रा बताते है कि डेंगू मच्छर से फैलता है।मरीज को मच्छर से बचाना चाहिए। अगर मच्छर डेंगू मरीज को काटता है। उसके बाद दूसरे मरीज को काट लेता है तो उस व्यक्ति को भी डेंगू होने की आशंका रहती है।इसलिए अपने घर के आस पास गंदगी न होने दें। मच्छरों से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर में कूलर व गमलों का पानी बदलते रहे।जिले में मलेरिया के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं।तीन माह में जिले में करीब छः सौ पचास मलेरिया के मामले आ चुके है। यह जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की जांच में सामने आए है। इन मरीजों का इलाज चल रहा है। जिले में रोजाना दो से तीन मामले मलेरिया के आ रहे हैं। यह मरीज सरकारी व प्राइवेट में इलाज करवा रहे है।

जिले में डेंगू व मलेरिया के मामले सामने आ रहे हैं। इन मरीजों का इलाज चल रहा है।अभी तक मलेरिया व डेंगू से जिले में किसी की भी मौत नहीं हुई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र व जिला अस्पताल में सुविधाएं मौजूद है।गांवों में जानकारी मिलने पर टीम भेजकर दवाईयां दी जाती है।

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