उत्तराखण्डनैनीताल

पुलिस का दावा, भुवन पोखरिया ने ही कराया था खुद पर हमला

हल्द्वानी: गौलापार निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट भुवन पोखरिया पर 15 दिसंबर को तलवार से हमला करने की कोशिश का मामला झूठा निकला है. पूरे मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच पड़ताल की और सीसीटीवी के साथ ही लोगों के बयानों के आधार पर पड़ताल किया तो मामला फर्जी निकला.एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि भुवन पोखरिया ने पुलिस सुरक्षा के लिए हमले की साजिश रची थी. जिसके बाद भुवन पोखरिया के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है.

आरटीआई कार्यकर्ता भुवन पोखरिया खुद पर और परिवार पर हमले का आरोप लगाते हुए चोरगलिया थाने से लेकर पुलिस बहुउद्देशीय भवन तक जमकर हंगामा किया था. भुवन पोखरिया ने पुलिस पर हत्या कराने की साजिश रचने का भी आरोप लगाया था. पुलिस ने उन पर हुए हमले की जांच की तो भुवन पोखरिया ही फंस गया. अब पुलिस ने भुवन पोखरिया के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर न्यायालय को कार्रवाई के लिए भेजी है.

एसपी सिटी हल्द्वानी प्रकाश चंद्र ने बताया कि चोरगलिया निवासी भुवन चन्द्र पोखरिया ने चोरगलिया पुलिस को बीती 15 दिसंबर को तहरीर सौंपी थी. जिसमें कहा कि 15 दिसंबर को वो अपनी पत्नी और बेटी के साथ बहन के घर जा रहे थे. दानीबंगर मोड़ के पास काले रंग की स्कॉर्पियो सवार चार लोगों ने उनकी कार को रोका और तलवारों से हमला कर दिया. हमले में भुवन और उनका परिवार बच गया. इस मामले में चोरगलिया पुलिस ने बीएनएस की धारा 126(2), 131, 324(4) मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की. जिस तारीख और जिस स्थान पर यह घटना बताई गई, पुलिस ने वहां पहुंच कर जांच पड़ताल की. पुलिस ने घटना के वक्त वहां से गुजरने वालों को चिन्हित कर पूछताछ की.

घटनास्थल व आसपास लगे सीसीटीवी खंगाले के अलावा कार में सवार परिवार वालों के अलग-अलग बयानों के आधार पर हमले की पुष्टि नहीं हुई है. भुवन पोखरिया द्वारा हमले की झूठी कहानी रची गई. एसपी सिटी प्रकाश चंद्र ने बताया कि भुवन पोखरिया ने पुलिस सुरक्षा के लिए हमले की साजिश रची थी.जांच कर रिपोर्ट न्यायालय में प्रेषित की गई है. न्यायालय से भुवन पर कार्रवाई की मांग की गई है. घटना के तीसरे दिन भुवन पोखरिया अपनी पत्नी व अन्य लोगों के साथ पुलिस बहुउद्देशीय भवन पहुंच कर हंगामा किया.

एलआईयू के दरोगा मनोज कुमार को अपशब्द कहे. इस मामले में कोतवाली पुलिस ने मनोज कुमार की तहरीर पर भुवन पोखरिया के खिलाफ धारा 132, 221,352 मुकदमा दर्ज किया, जिसके बाद भुवन पोखरिया को जेल भेज दिया है. भुवन पोखरिया द्वारा लगाया गया आरोप झूठा निकला है. ऐसे में अब न्यायालय के आदेश पर भुवन पोखरिया के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी.

Related Articles

Back to top button