बुलंदशहर के क्षेत्र खुर्जा के गाँव गर्भवती महिला को नहीं मिली एंबुलेंस, दर्द में 20 किमी ऑटो से आई
खुर्जा। एंबुलेंस की मदद नहीं मिलने पर गर्भवती महिला दर्द से तड़पते हुए करीब 20 किलोमीटर दूर ऑटो से अस्पताल तक पहुंची। आरोप है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर एंबुलेंस कर्मी ने महिला को ले जाने से इंन्कार कर दिया। अस्पताल पहुंचने पर परिजनों ने शिकायत कर कार्रवाई की मांग की।
करौरा गांव निवासी मनोज ने बताया कि शुक्रवार सुबह उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हो रही थी। उन्होंने डायल 102 पर फोन किया। सूचना पर एंबुलेंस उनके घर पहुंच गई और गर्भवती को लेकर करौरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आ गए। वहां से चिकित्सक ने प्रसव की सुविधा नहीं होने पर गर्भवती को खुर्जा अस्पताल रेफर कर दिया। एंबुलेंस कर्मी ने खुर्जा जाने से इन्कार कर दिया।
पीड़ित का आरोप है कि एंबुलेंस कर्मी ने कोई सूचना नहीं दी और पहासू के लिए रवाना हो गया। ऐसे में पीड़ित मदद के लिए इधर-उधर भटकते रहे लेकिन जोखिम के कारण कोई भी गर्भवती को लेकर जाने के लिए तैयार नहीं हो रहा था। किसी तरह एक ऑटो वाला उन्हें खुर्जा तक ले आया।
एंबुलेंस कर्मी का कार्य सूचना मिलने के बाद दूसरे स्थान तक छोड़ना होता है। रेफर होने के बाद दोबारा डायल 102 या 108 पर फोन करना पड़ता है, जिसके बाद रेफरल के लिए भेजा जाता है। ऐसी परिस्थिति में चिकित्सक भी मरीज को सलाह दे सकते हैं। यदि फिर भी कर्मचारी या चालक की लापरवाही है तो जांच की जाएगी।
– सर्वाेत्तम यादव, एंबुलेंस प्रभारी