मिलिंग मशीन से रिसाइकल होंगी सड़के, बजट में आएगी तीस फीसदी कमी
डोईवाला। सड़क निर्माण को लेकर नई-नई तकनीके सामने आ रही है। अब सड़क रिसाइकल कर भी बनाई जा रही है । यदि यह तकनीक कारगर होती है तो सरकार के बजट में भी काफी बचत देखने को मिलेगी। तो वही बचे हुए बजट से कई अन्य निर्माण कार्य भी धरातल पर देखने को मिलेंगे।
लोक निर्माण विभाग की ओर से डोईवाला क्षेत्र में पहली बार रिसाइकल सड़क निर्माण के लिए मिलिंग मशीन का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके जरिए सड़कों के पुराने मैटेरियल को उखाड़ कर उसे दोबारा रिसाइकल कर सड़क बनाने में प्रयोग किया जा रहा है। जिससे कुल बजट में तीस फ़ीसदी की कमी आ रही है।
पुराने लेवल पर रहेगी सड़क
वही इस तकनीक से सड़क की ऊंचाई भी नहीं बढ़ती है और सड़क अपने पुराने लेवल पर ही रहेगी। साथ ही पुरानी सड़कों की चिकनाई वाली परत हटाने से नयी बनने वाली सड़क की मजबूती भी अधिक देखने को मिलती है। डोईवाला क्षेत्र में पहली बार इस तकनीक से लगभग 9.6 किलोमीटर मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है।
अधिकारियों को उम्मीद है कि यह तकनीक विभाग के लिए आने वाले समय में बेहतर कारगर साबित होगी। जिससे बजट में कमी आने के साथ ही सड़क की मजबूती भी दिखेगी। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता एसएस नेगी ने बताया कि डोईवाला डिवीजन में पहली बार रिसाइकल कर सड़कों का निर्माण कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि यह सड़क मिल बाजार से लेकर छदम्मीवाला, खैरी आदि क्षेत्रो तक बनाई जा रही है। इसकी कुल लंबाई 9.6 किलोमीटर है। इससे तीन हजार से ज्यादा की आबादी लाभान्वित होगी। उन्होंने बताया कि इसकी कुल लागत 1.77 करोड़ है।
उन्होंने कहा कि यदि इस सड़क को रिसाइकल कर नहीं बनाया जाता तो इस कार्य के लिए 2.25 करोड रुपए का बजट चाहिए होता। परंतु नयी तकनीक से करीब 48 लाख रुपए की बचत विभाग को होगी।
मिलिंग मशीन के बारे में उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि यह मशीन अत्याधुनिक मशीन है। जो कि मौजूदा फुटपाथ अथवा सड़क की ऊपरी परत को हटाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है। यह कार्य विशेष मिलिंग मशीनों की ओर से ही होता है।
जिन्हें नए डामर के लिए सतह को प्रभावी ढंग से तैयार करने के लिए डिजाइन किया गया है। जो कि सड़क की पुरानी सामग्री को उखाड़ कर उसे दोबारा रिसाइकल करने के लिए तैयार करती है।