Shilpi Murder Case: नोएडा पुलिस ने 150 पन्नों की चार्जशीट की दाखिल, चार साल के बच्चे समेत 27 लोग बने गवाह

नोएडा के थाना सेक्टर-63 पुलिस ने छिजारसी गांव में करीब दो माह पूर्व हुई विवाहित महिला शिल्पी की हत्या के मामले में चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। 150 पन्नों से अधिक की इस चार्जशीट में पुलिस ने 27 लोगों को गवाह बनाया है। इनमें आरोपी के दो दोस्त भी शामिल हैं, जिन्हें हत्या करने के बाद आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए जानकारी दी थी।
जिला कन्नौज के गुरुसायगंज निवासी अजय तिवारी मजदूरी करते हैं। वर्तमान में वह छिजारसी गांव में किराये के कमरे में रहते हैं। परिवार में उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा 11 साल और छोटा चार साल का है। बड़ा बेटा दादा-दादी के पास कन्नौज में रहता है, जबकि छोटा बेटा उनके साथ रहता है। किराये के कमरे में पत्नी शिल्पी तिवारी भी रहती थी।
अजय रोज की तरह 13 नवंबर 2024 की सुबह भी अपने काम पर चले गए थे। घर पर पत्नी और चार वर्षीय बेटा था। रात करीब 8 बजे मकान मालिक कुलदीप शर्मा ने पुलिस को सूचना दी कि उनके घर के एक कमरे में शिल्पी का शव पड़ा है। घर लौटे अजय तिवारी ने पुलिस को बताया कि घर पर प्रदीप कुमार भी था। पुलिस ने प्रदीप को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ प्रदीप ने बताया था कि वह कैब चलाता है। वह शादीशुदा है और उसका 18 साल का बेटा और 11 साल की बेटी है। करीब तीन साल पहले शिल्पी से उसकी मुलाकात हुई थी। वहीं से उसके शिल्पी के साथ अवैध संबंध बन गए थे। वह शिल्पी से अजय और बच्चों को छोड़कर उसके साथ रहने के लिए दवाब बनाता था, लेकिन शिल्पी नहीं मानती थी। 13 नवंबर की शाम दोनों के बीच इसी बात को लेकर झगड़ा हुआ। हाथापाई के दौरान उसने गला दबाकर शिल्पी की हत्या कर दी और वह भाग गया।
मासूम के सामने मां का दबाया था गला : पुलिस ने बताया कि जिस समय प्रदीप और शिल्पी के बीच झगड़ा शुरू हुआ था, उस वक्त शिल्पी का चार वर्षीय बेटा कमरे में सो रहा था। झगड़े के दौरान शोर सुनकर वह जाग गया था। इस झगड़े के बीच, आरोपी ने बच्चे की आंखों के सामने ही उसकी मां की हत्या कर दी। काउंसिलिंग के दौरान चार वर्षीय बच्चे ने रोते हुए आंखों देखी घटना पुलिस को बताई थी।
दो दोस्तों को हत्या की जानकारी दी
पुलिस ने बताया कि शिल्पी की हत्या करने के बाद आरोपी प्रदीप दो दोस्तों के पास पहुंचा। उन्हें बताया कि उसने शिल्पी की हत्या कर दी है। विवेचना में पुलिस ने दोनों दोस्तों की गवाही को अतिरिक्त न्यायिक स्वीकारोक्ति के तहत शामिल किया है। इसके अलावा मकान मालिक और पड़ोसी को परिस्थितिजन्य साक्ष्य के रूप में गवाह बनाया है। जिसने घटना से पहले प्रदीप को कमरे में देखा था। प्रत्यक्षदर्शी समेत कुल 27 गवाहों के बयान पुलिस ने विवेचना में शामिल किए हैं। पुलिस की कोशिश है कि आरोपी को कोर्ट के माध्यम से सख्त से सख्त सजा दिलाई जाए।