ग्रेटर नोएडा में यीडा के आवासीय भूखंड योजना के दस आवेदक परेशानी में, आखिर क्या हैं मुश्किलें
ग्रेटर नोएडा। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) की 361 आवासीय भूखंड योजना में आरक्षण का लाभ पाने के लिए बैक डेट में व्यावसायिक संपत्ति का फर्जी कंपलीशन बनवाने वाले दस आवेदकों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन आवेदकों को हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने प्राधिकरण को ही उनके भूखंड आवंटन पर निर्णय लेने के लिए फैसला सुनाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि उनकी मुश्किलें बढ़नी तय हैं। बता दें कि प्राधिकरण ने जुलाई में 361 आवासीय भूखंडों की योजना निकाली थी। योजना में दो लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया था। इनमें दस भूखंडों पर व्यावसायिक आरक्षण का लाभ मिलना था। इस श्रेणी में दस आवेदकों ने अलग-अलग सेक्टर में आवंटित किए कियोस्क (व्यावसायिक श्रेणी) का पूर्णता प्रमाण पत्र (कंपलीशन) मई से लेकर जुलाई महीने की अलग-अलग तारीख में जारी कर दिया, जबकि मौके पर कोई निर्माण नहीं हुआ था। मामले का खुलासा होने के बाद इन सभी 10 कियोस्क आवंटियों का पूर्णता प्रमाण पत्र अवैध करार करा दिया गया। साथ ही इन्हें आवासीय भूखंड में आरक्षण के लिए अयोग्य भी कर दिया गया था। योजना के तहत 10 अक्तूबर ड्रा 350 भूखंडों पर ड्रा किया गया। प्राधिकरण के खिलाफ आवेदकों ने हाईकोर्ट में चुनौती थी, लेकिन हाईकोर्ट से उन्हें झटका मिल गया है। कोर्ट ने प्राधिकरण को ही इस मामले पर निर्णय लेने का अधिकार दिया है।