राजा के वेश में दर्शन देंगे ठाकुरजी, दीपावली पर वृंदावन में अनोखी परंपरा; चौसर खेलकर मनेगा दीपोत्सव
दीपावली पर ही होते हैं चांदी की हटरी के दर्शन
राधावल्लभ मंदिर में ठाकुरजी महाराजा के रूप में दीपावली पर दर्शन देंगे। परंपरा के अनुसार मंदिर सेवायत ठाकुरजी और राधारानी का प्रतिनिधित्व करते हुए चौसर पर चाल चलेंगे। यह भी परंपरा रही है कि अब तक चौसर के इस खेल में जीत राधारानी की होती है। ठाकुरजी के चौसर खेल के दर्शन को देश-दुनिया के श्रद्धालु मंदिर में पहुंचकर आनंद उठाएंगे। इस दौरान मंदिर सेवायत राधावल्लभीय संप्रदाय के रसिक संतों द्वारा लिखे पदों का गायन भी करेंगे।
चौसर खेलने की है परंपरा
मंदिर सेवायत हित मनमोहन गोस्वामी ने बताया दीपावली पर चौसर खेलने की परंपरा की शुरुआत श्रीहित हरिवंश महाप्रभु के ज्येष्ठ पुत्र श्रीहित वनचंद्र गोस्वामी ने शुरू की थी। तभी से परंपरा का निर्वहन मंदिर सेवायतों द्वारा किया जा रहा है।
400 वर्षों से चल रही परंपरा
प्राचीन अवधारणा है दीपावली की रात जुआ खेलने की। इसी के चलते 16वीं सदी के राधा वल्लभ मंदिर में तभी से इस परंपरा की शुरुआत हुई। दिवाली की रात राधा वल्लभ लाल चांदी की हटरी में राजशाही अंदाज में विराजेंगे और फिर उनके समक्ष शुरू होगा शह और मात का खेल।
31 को मनेगा बांकेबिहारी मंदिर में दीपावली
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, ठाकुर राधारमण मंदिर, रंगजी मंदिर, जन्मस्थान और द्वारकाधीश मंदिर में 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी। राधावल्लभ मंदिर और नंदगांव के नंदभवन में एक नवंबर को पर्व मनाया जाएगा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया मंदिर में 31 अक्टूबर को दीपावली का उत्सव मनाया जाएगा।