उत्तर प्रदेशबुलंदशहर

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन में अधिवक्ताओं के लिए नए चैंबर और हॉल का विवाद थमने का नहीं ले रहा नाम

बुलंदशहर। डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन में अधिवक्ताओं के लिए नए चैंबर और हॉल का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, अब बार सभागार के ऊपर बनाए गए निर्माणाधीन हाल के चैंबर्स को तोड़ दिया गया। इस पर दोनों पक्ष एक दूसरे पर ही इनको तोड़ने का आरोप लगा रहे हैं। साथ ही अध्यक्ष ने दूसरे पक्ष पर तोड़फोड़ के अलावा कुछ सामान चोरी करने का भी आरोप लगाया है। बताया कि उन्हें प्रकरण की जानकारी चौकीदार की ओर से दी गई।

डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के महासचिव पवन कुमार निम एडवोकेट ने बताया कि हॉल और चैंबर अधिवक्ताओं की धनराशि से बनाए गए हैं। विवाद को समाप्त करने के लिए अध्यक्ष की ओर से 11 सदस्यीय एक कमेटी का सभी बिन्दुओं पर जांच करने के लिए गठन किया। आरोप है कि दो सदस्यों को विपक्ष द्वारा जांच कमेटी में न रहने की धमकी दी गई। इस पर दोनों अधिवक्ताओं ने खुद को जांच कमेटी से हटा लिया और अपना त्यागपत्र दे दिया। आरोप है कि 15-16 नवंबर की रात कुछ लोगों ने हॉल में बने पार्टीशन/चैंबर को तोड़फोड़ दिया। आरोप है कि कुर्सी मेज तोड़ दी गईं। साथ ही कुछ मेज कुर्सियां, कुछ फाइलें और डायरी भी चोरी कर ली गईं। आरोप है कि हॉल की टाइल्स तक तोड़ दी गईं। मामले की जानकारी चौकीदार ने अध्यक्ष को फोन पर दी। बताया कि 12 से 15 लोग थे, उन्होंने उसे बंधक बना लिया था। आरोप है कि दूसरे पक्ष की ओर से रात करीब ढाई बजे से सुबह छह बजे तक घटना को अंजाम दिया गया।

वहीं दूसरे पक्ष के अधिवक्ता राजा शील कुमार ने बताया कि अधिवक्ता धर्मपाल शर्मा और पवन कुमार निम की ओर से लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं। निर्माणाधीन हाल में बनाए गए पार्टीशन और चैंबर्स को खुद अध्यक्ष पद द्वारा ही तोड़ा गया है। साथ ही बेबुनियादी आरोप लगाए जा रहे हैं। यही नहीं अध्यक्ष पक्ष की ओर से खुद ही तोड़फोड़ के बाद उक्त सामान को फिर से लगा दिया गया है।

बोले अध्यक्ष, पुलिस को दी है तहरीर

बार प्रकरण को लेकर अध्यक्ष धर्मपाल शर्मा ने बताया कि निर्माणाधीन हाल के पार्टीशन और चैंबर्स को तोड़फोड़ करने और सामान चोरी के मामले में दूसरे पक्ष के खिलाफ तहरीर दी गई है। साथ ही अधिकारियों से मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई की मांग भी की गई है।

गठित की गईं टीमें भी नहीं निकाल सकीं कोई हल

बार प्रकरण को सुलझाने और गतिरोध को रोकने के लिए अध्यक्ष और विपक्ष की और से अपनी अपनी टीम गठित की गईं थीं। अध्यक्ष ने इसके लिए 11 सदस्यीय टीम और विपक्ष ने सात सदस्यीय टीम घोषित की थी, लेकिन अभी तक भी इस गतिरोध को खत्म नहीं किया जा सका है।

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विपक्ष ने लगाया धमकाने का आरोप

वहीं, इस मामले में अब विपक्ष के अधिवक्ता राजा शील कुमार की तरफ से अध्यक्ष पद के एक साथी द्वारा धमकाने का आरोप लगाया गया है। उनका कहना है कि एक अधिवक्ता उनके पक्ष को धमकी देते हुए अभद्रता कर रहा है। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिवक्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की बात कही है।

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