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नोएडा के सिटी बस टर्मिनल में संचालित होगा अस्पताल: प्री बिड मीटिंग में 4 कंपनियां सामने आई; 17 को प्रपोजल जमा करेंगे

नोएडा। सेक्टर-82 स्थित सिटी बस टर्मिनल की खाली पड़ी इमारत को किराये पर देने की तैयारी प्राधिकरण में चल रही है। बस टर्मिनल में अस्पताल के संचालन को प्री बिड बैठक में चार कंपनियां आयी है।

अब यह तो लगभग तय हो गया है कि इस सिटी बस टर्मिनल की इमारत में अस्पताल का ही संचालन ही किया जाएगा। 17 फरवरी को रिक्वेस्ट फार प्रपोजल (आरएफपी) खोली जाएगी। इसमें जो भी कंपनियां आएंगी, अपना प्रपोजल प्राधिकरण को देंगी। उसमें से किसी एक कंपनी को चयनित किया जाएगा।

बदला जाएगा बिल्डिंग बायलाज

नोएडा ट्रैफिक सेल महाप्रबंधक एसपी सिंह ने बताया कि टर्मिनल इमारत का बायलाज ट्रांसपोर्ट यूज के लिए है। ऐसे में प्रपोजल पसंद आने और अप्रूव होने के बाद ही इसका बिल्डिंग बायलाज बदला जाएगा। बायलाज बदलने की प्रक्रिया बोर्ड से की जाएगी।

साथ चयनित होने वाली कंपनी टर्मिनल की इमारत के स्ट्रक्चर के साथ कोई बदलाव नहीं कर सकती है। उसे इसी इमारत स्ट्रक्चर के हिसाब से अपना प्लान करना होगा।

ऐसे में ईओआई के ब्रोशर में आठ मंजिला इस टर्मिनल के फ्लोर वाइज जानकारी दी गई है। अभी इस इमारत में परिवहन निगम के अलावा एक साइबर क्राइम पुलिस का दफ्तर खुला हुआ है। अब इसको किराए पर दिया जाएगा।

दो हिस्सों में बंटी है सिटी बस टर्मिनल की इमारत

सिटी बस टर्मिनल 30 हजार 643 वर्ग मीटर एरिया में बना हुआ है, जिसमें से 13 हजार 532 वर्ग मीटर एरिया बिल्टअप है यानी इतने हिस्से में निर्माण हो रखा है। सिटी बस टर्मिनल इमारत दो हिस्सों में बंटी हुई है। एक हिस्से में बेसमेंट के अलावा तीन दो हैं जबकि दूसरे हिस्से में तीसरे से आठ तल तक का हिस्सा बना हुआ है।

बेसमेंट में 522 कार खड़ी करने की पार्किंग है। भूतल पर बस संचालन का एरिया संचालित हो रहा है जिसमें 40 बस पार्किंग के अलावा 100 कार व टैक्सी पार्किंग की सुविधा है। इनके अलावा स्वागत कक्ष, बुकिंग सेंटर, आफिस, प्रतीक्षालय, कॉरिडोर व फूड कोर्ट के लिए स्थान आरक्षित हैं। प्रथम तल पर दुकान, आफिस, फूड कोर्ट और लाइब्रेरी कमरा बना हुआ है। द्वितीय तल पर यात्री निवास, साइबर कैफे, फूड कोर्ट, काउंटर और प्रतीक्षालय एरिया बना हुआ है।

जनवरी 2015 में शुरू हुआ सिटी बस टर्मिनल का काम

बता दें कि इमारत तैयार होने के बाद प्राधिकरण ने इसे हैंडओवर करने के लिए परिवहन निगम से संपर्क किया था, लेकिन निगम ने पूरी इमारत टेकओवर करने से ही इंकार कर दिया था। खानापूर्ति के लिए दादरी और बुलंदशहर के लिए 4 बसें चलवानी शुरू की।

दावा किया था इन बसों की संख्या बढ़ाकर 50 की जाएगी, लेकिन तीन साल बाद भी 4 बसें ही टर्मिनल से चल रही हैं। सिटी बस टर्मिनल का काम जनवरी 2015 में शुरू हुआ था। इसकी पहली डेडलाइन जुलाई 2016 थी लेकिन जमीन विवाद और मामला न्यायालय में चले जाने के कारण काम रूक गया। इसके बाद इसका काम सितंबर 2022 में जाकर पूरा हुआ। ये 157 करोड़ रुपए की लागत से बनकर तैयार हुई थी।

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