पानीपत। अभिनेता सलमान खान को मारने के लिए लॉरेंस गैंग जिन हथियारों का इस्तेमाल करता वो पानीपत के सुखवीर उर्फ सुक्खा की पसंद के होते। उसकी पसंद के पाकिस्तान से मंगाए जाने वाले हथियार शूटरों को मुहैया कराए जाने थे।
मुंबई पुलिस की जांच में सामने आया है कि सुक्खा वाट्सएप से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये हथियार तस्करों के संपर्क में था। पाकिस्तान का गैंगस्टर डोगर इन्हें भारत भेजता। पुलिस को सुक्खा के फोन से इस डील की वीडियो कान्फ्रेंसिंग वाली क्लीप मिली है।
इसमें सुक्खा के साथ डोगर, अनमोल बिश्नोई और सप्लायर जुड़ा था। इस वीडियो में कई मशीनगन दिखाई जा रही हैं। मुंबई पुलिस ने सुक्खा को चार दिन के रिमांड पर लिया है।
इन हथियारों का होता इस्तेमाल
ये भी पता चला है कि लारेंस गैंग ने सलमान को मारने तक का स्पाट तय कर लिया था। सलमान के घर और अर्पिता फार्महाउस के पास खस्ताहाल सड़क पर उनकी गाड़ी धीमी होती है। उसी जगह पहले से घात लगाए शूटर सलमान खान को निशाना बनाते।
गोलीबारी में एके-47 से लेकर मशीनगन तक इस्तेमाल होती। लेकिन इससे पहले ही पांच बदमाश पुलिस के हत्थे चढ़ गए। उन्होंने ही सुक्खा का नाम बताया था।
गोल्डी-मुकेश फौजी के संपर्क में आया था सुक्खा
सुखवीर उर्फ सुक्खा लारेंस के साथ सीधे संपर्क में नहीं था। वह यूएसए में छिपे गोल्डी बराड़ के संपर्क में था। इसके अलावा वो मुकेश फौजी के संपर्क में था। मुकेश फौजी जेल में बंद संपत नेहरा के लिए काम करता है। सुक्खा भी संपत के टच में था, सुक्खा के फोन में संपत का जेल वाला नंबर मिला है।
पुलिस ने सलमान की हत्या की साजिश केस में लारेंस, पाकिस्तान के डोगर, गोल्डी बराड, संपत नेहरा, रोहित गोदारा, अनमोल बिश्नोई समेत 18 लोगों को आरोपित बनाया है।
एक साल से चल रही थी साजिश
सलमान खान के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट पर 14 अप्रैल को फायरिंग हुई थी। हमले की जिम्मेदारी लारेंस ग्रुप ने ली थी, लेकिन इस फायरिंग में सलमान को मारना लारेंस का मकसद नहीं था। मुंबई पुलिस की चार्जशीट के अनुसार अप्रैल 2023 से अगस्त 2024 तक इस केस में सभी आरोपितों ने साजिश के तार बुने।
कश्मीर-नेपाल के रास्ते ट्रक में भारत आने थे हथियार
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान में बैठा डोगर एके47, एम-16 और एके 92 समेत कई मशीनगन को भारत तस्करी करने के लिए खुफिया रास्तों से भारत पहुंचाता। इसमें तस्करी के लिए वह ट्रक का प्रयोग करने वाला था। सूत्र ने बताया कि ये हथियार कश्मीर, कच्छबुज और नेपाल के रास्ते से भारत में आने थे।