मची भगदड़; बाल-बाल बचे पांच यात्री, दीपावली पर घर जाने के लिए दून रेलवे स्टेशन पर उमड़ी हजारों की भीड़
नियंत्रण के बाहर हो गई स्थिति
प्लेटफार्म पर भीड़ ज्यादा देख कुछ यात्री रेलवे ट्रैक को पार कर पटरी की दूसरी साइड चले गए। वहां पहले से ही ट्रेन मौजूद थी। जीआरपी के जवानों ने पटरी में मौजूद यात्रियों को वापस प्लेटफार्म नंबर चार की ओर खदेड़ा। मगर राप्ती गंगा एक्सप्रेस ट्रेन के प्लेटफार्म नंबर चार पर पहुंचते ही स्थिति नियंत्रण के बाहर हो गई।
बताया जाता है कि ट्रेन की सामान्य श्रेणी की बोगी जैसे ही पास आई यात्री एक-दूसरे को पीछे छोड़ ट्रेन पर सवार होने के लिए दौड़ पड़े। जल्दबाजी में यात्री जान दांव पर लगाने से पीछे नहीं हटे। जीआरपी के जवान पहले तो डंडा फटकारते दिखे, लेकिन जब यात्री धक्कामुक्की के बीच प्लेटफार्म पर गिरने लगे तो जवान उन्हें बचाने के लिए मदद करने में जुट गए।
ट्रेन पर सवार होने की तेजी में बेकाबू हुई भीड़
राप्ती गंगा एक्सप्रेस ट्रेन में सीट पाने के लिए दोपहर एक बजे से ही प्लेटफार्म नंबर चार पर यात्रियों का सैलाब नजर आया। ट्रेन के प्लेटफार्म पर पहुंचने से पहले ही यात्रियों की भीड़ प्लेटफार्म के किनारे जमा हो गई।
जीआरपी के जवानों ने उन्हें किनारे हटाने के लिए काफी मशक्कत की, लेकिन ट्रेन पर सवार होने की तेजी में यात्रियों की भीड़ बेकाबू हो गई। जीआरपी के जवानों लाठियां फटकार कर भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की पर वे नाकाम रहे।
हालात पर काबू पाने को जीआरपी को फटकारनी पड़ी लाठियां
आलम यह रहा कि ट्रेन में सवार होकर देहरादून पहुंचे यात्री करीब एक घंटे तक ट्रेन से बाहर नहीं निकल पाए। ट्रेन के भीतर बैठे लोगों की सांस फूलने लगी। ऐसे यात्रियों के नीचे उतरने से पहले ही अंदर घुसने की कोशिश कर रहे लोगों को ट्रेन में मौजूद रेल कर्मियों ने बाहर खदेड़ने की कोशिश की।
जीआरपी ने सख्ती दिखाते हुए लाठियां भी फटकारी, लेकिन लोग न तो खुद ट्रेन में चढ़ पाए और न ही भीतर बैठे यात्रियों को बाहर आने दिया। किसी तरह जीआरपी और आरपीएफ के जवानों ने मशक्कत के बाद यात्रियों को बाहर निकाला। भीड़ इतनी ज्यादा थी कि पल भर में सामान्य श्रेणी के दोनों कोच खचाखच भर गए। प्लेटफार्म के किनारे कई यात्रियों और बच्चों के जूते चप्पल पड़े नजर आए।