पति-पत्नी के रिश्तों में आई रार के ये पांच कारण आए सामने! एक ही छत के नीचे बनी ‘डिजिटल दीवार’
आगरा। घर और परिवार से दूर रहने वालों के बीच दूरियां कम करने वाला मोबाइल एक छत के नीचे रहने वाले पति-पत्नी के बीच डिजिटल दीवार भी खड़ी कर रहा है। घर में मोबाइल को अधिक समय देना, बार-बार वाट्सएप चेक करना और चैट करना तकरार का कारण बन रहा है। पति-पत्नी के रिश्तों में रार पैदा कर रहा है।
इस वर्ष दंपतियों के बीच विवाद के 3235 पुलिस परिवार परामर्श केंद्र पहुंचे। जिसमें 40 प्रतिशत में पति-पत्नी के बीच विवाद का कारण मोबाइल था।कुछ मामलों में पतियों को और कई मामले मे पत्नी को मोबाइल को लेकर शिकायत थी। जिसमें 668 मामलों में पुलिस ने पति-पत्नी के बीच सुलह कराते हुए उनकी विदाई कराई। जबकि 277 मामलों में पतियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया।
एक साल पहले की शादी में दरार
केस एक: हरीपर्वत क्षेत्र के दंपती की शादी एक वर्ष पहले हुई थी। पति परचूनी के सामान का थोक का कारोबार है। शाम को घर आने के बाद भी देर रात तक मोबाइल पर वाट्सएप पर चैटिंग करता रहा। पत्नी को शक होने पर पति का वाट्सएप हैक कर लिया। पति की चैट के बारे में पूछने लगी तो उसे शक हुआ। विवाद पुलिस तक पहुंचने पर काउसंलिंग करके सुलह कराई।
पति टूर पर रहता, पत्नी दिन भर मोबाइल पर
केस दो: शाहगंज के दंपती की आठ महीने पहले शादी हुई थी। मार्केटिंग कंपनी में मैनेजर पति वह टूर के सिलसिले में अक्सर बाहर रहता है। घर में सीसीटीवी लगवा मोबाइल से जोड़ लिया। पत्नी की दिनचर्या पर नजर रखने लगा। उससे कई ऐसी बातें पूछ जब वह घर पर नहीं था। पत्नी को निगरानी का शक होने पर विवाद पुलिस तक पहुंच गया। पति के गलती मानने पर सुलह हुई।
एक वर्ष पहले किया प्रेम विवाह
केस चार: सिकंदरा की रहने वाली उच्च शिक्षित युवती ने कैब चालक से एक वर्ष पहले प्रेम विवाह हुआ था। पत्नी एक कंपनी में नौकरी करती है। उसके मोबाइल पर लगातार कंपनी के मैसेज आने पर पति को शक होने लगा। उसने पत्नी के सामने शर्त रख दी कि वह स्मार्ट फोन नहीं रखेगी। परिवार परामर्श केंद्र में मामला पहुंचने पर काउंसलिंग कर पति को समझाया गया तब बात बनी।
दंपतियों में रार के पांच प्रमुख कारण
पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के दौरान दंपतियों के बीच रार के पांच प्रमुख कारण निकलकर सामने आए। जो यह हैं
- पति-पत्नी द्वारा मोबाइल पर घंटों बात करना, एक दूसरे से बात करने की जगह मोबाइल पर समय व्यतीत करना। वाट्सएप और गैलरी में पासवर्ड लगाकर रखना। दंपती का एक दूसरे पर किसी और से संबंध होने का शक करना।
- पत्नी के मायके वालों का उसके दांपत्य जीवन में जरूरत से अधिक हस्तक्षेप करना। पत्नी द्वारा छोटी-छोटी बातों को भी फोन काल करके मायके वालों को बताना।
- पति-पत्नी के बीच परिवार में रहने को लेकर विवाद, पत्नी अकेले रहना चाहती है, पति माता-पिता और परिवार के साथ रहना चाहता है। गृहस्थ जीवन बचाने को पति दबाव में अलग हो जाता है, बाद में पति कहीं न कहीं इसे लेकर पत्नी को परेशान करता है।
- सास और ननद द्वारा विवाहिता को बात-बात पर टोकना, उसके घर-बाहर के कामों में कमियां निकालना और मायके वालों पर आए दिन ताना मारना। घर आने वाले रिश्तदारों और बाहर वालों के सामने बहू की बुराई करना।
- पति के नशे की लत और घर के लिए खर्च नहीं देना, इससे बच्चो की फीस, राशन समेत अन्य जरूरी चीजें प्रभावित होना।
पति-पत्नी के बीच मोबाइल भी विवाद का प्रमुख कारण है। एक दूसरे से बातचीत की जगह मोबाइल पर अधिक समय देना रिश्तों में शक पैदा करता है। पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में काउंसलिंग करके पति-पत्नी के बीच गलतफहमी दूर करने का प्रयास किया जाता है। इस वर्ष 668 दंपतियों के बीच सुलह करा उनकी विदाई कराई गई।