यह तोता हो गया है गायब… इसे ढूंढने वाले को मिलेगा 1 लाख का इनाम, मालिक ने किया फेसबुक पर ऐलान
बुलंदशहर नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कृष्ण नगर निवासी एक व्यक्ति का तोता 10 दिसंबर को अचानक लापता हो गया। पीड़ित ने तोते के साथ अपना एक फोटो फेसबुक पर पोस्ट कर तोता ढूंढने वाले को एक लाख रूपये इनाम देने की घोषणा की है। वह पक्षियों से बहुत प्रेम करते हैं। उन्होंने बताया कि तोता के जाने से उनके परिवार में शोक का माहौल है। परिवार के बच्चे खाना तक नहीं खा रहे हैं। गली के बच्चे भी मायूस हैं।
नगर के कृष्णा नगर निवासी नवीन पाठक ने एक तोता (पहाड़ी/एलेग्जेंडर) पाला हुआ था। जिसका नाम विष्णु रखा। उन्होंने बताया कि करीब ढाई साल पहले उनके पास एक मजदूर का फोन आया। उसने बताया कि एक पक्षी लिंटर के पास पड़ा हुआ है। जब वह मौके पर पहुंचे तो वह बच्चा था और पूरी तरह मिट्टी में सना हुआ था, उसकी पहचान भी नहीं हो रही थी कि वह तोता है। घर लाकर उसे स्नान कराया। घायल दिखने पर उसका उपचार कराया। कुछ दिन में वह ठीक हो गया। तो परिवार के सभी लोगों ने मिलकर उसका नाम विष्णु रखा। धीरे-धीरे विष्णु से सभी को प्यार हो गया और उसे परिवार के बच्चों की तरह ही रखने लगे।
उन्होंने बताया कि वह अपने तोते को खुला ही रखते थे। जहां भी जाते तोता भी उनके साथ जाता था। बताया कि कभी कभी उनका तोता सुबह के समय उड़ जाता था और कुछ देर बाद वापस भी लौट आता था। लेकिन, करीब छह दिन पूर्व उनका तोता चला तो गया, लेकिन लौटकर नहीं आया। बताया कि वह दिन भर आसमान में तोते को खूब ढूंढा, लेकिन वह नहीं मिला। नवीन पाठक ने बताया कि छह दिन से वह और उनका परिवार तोते को ढूढ़ने के लिए इधर से उधर भटक रहे हैं, लेकिन उसका कोई पता नहीं चल रहा है। लोगों से सोशल मीडिया पर एक वीडियो डालकर उसे पकड़ कर देने वाले को एक लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है।
घर के बच्चे नहीं खा रहे खाना
नवीन पाठक ने बताया कि तोते की याद में घर के बच्चे खाना भी नहीं खा रहे हैं। वह दबाव बना रहे हैं कि कहीं से भी विष्णु को ढूढ़कर लाओ। सुबह 10 बजे घर से निकलता हूं और रात को आठ बजे तक उसे इधर उधर ढूढ़ते हैं। परिवार के अन्य लोग भी उसे ढूढ़ने में सहयोग कर रहे हैं। घर के माहौल को देखकर बहुत दुख हो रहा है। उन्होंने बताया कि गली के बच्चे भी काफी मायूस हैं। जब वह ट्यूशन पढ़ने के लिए जाते थे तो विष्णु से बात करते थे।
पापा-मम्मी कहकर पुकारता था, साथ खाता था खाना
नवीन पाठक ने बताया कि उन्हें वह पापा कहता था और उनकी ज्योति पाठक को मम्मी कहता था। जैसे घर के अन्य बच्चे बोलते थे, वैसे ही विष्णु भी बोलता था। खाने की थाली आते ही वह कंधे पर आकर बैठ जाता था। पहले उसे खाना खिलाते थे और फिर परिवार के सभी लोग खाना खाते थे। अब उसके बिना परिवार में अधूरापन महसूस हो रहा है। उन्होंने बताया कि रात को सपने भी अजीब आ रहे हैं। कभी सपने में वह कहीं बैठा दिखाई देता है तो कहीं पर उसे मरा हुआ देखा जा रहा है। मन बहुत ही दुखी है।