मानसून में इस बार उत्तराखंड में 82 लोगों की मौत, 28 अब भी लापता; 122 मलबे व बाढ़ में समाए
बारिश व बाढ़ ने मचाई तबाही
पिथौरागढ़ से लेकर ऊधम सिंह नगर व देहरादून से लेकर रुद्रप्रयाग तक बारिश व बाढ़ ने जमकर तबाही मचाई। राज्य आपातकालीन परिचालक केंद्र ने इस मानसून सीजन की प्राकृतिक आपदा रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया है कि बागेश्वर को छोड़कर बाकी सभी जिलों में जनहानि हुई।
37 लोग आपदा में घायल
प्राकृतिक आपदा रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में आपदा से 37 लोग घायल हुए हैं। नैनीताल, टिहरी व बागेश्वर में कोई घायल नहीं हुआ। अल्मोड़ा में एक,चमोली में पांच, चंपावत में छह, देहरादून में एक, हरिद्वार में छह, पौड़ी में चार, पिथौरागढ़ में दो, रुद्रप्रयाग में आठ, ऊधम सिंह नगर व उत्तरकाशी में दो-दो लोग घायल हुए हैं।
2953 जानवर भी मौत के मुंह में समाए
रिपोर्ट के अनुसार, आपदा से प्रदेश में 2953 जानवर भी मौत के मुंह में समा गए। अल्मोड़ा में आपदा से छोटे-बड़े 407 जानवरों की मौत हुई। बागेश्वर में 256, चमोली में 16, चंपावत में 1069, देहरादून में 161, हरिद्वार में चार, नैनीताल में 70, पौड़ी में 75, पिथौरागढ़ में 404, रुद्रप्रयाग में 147, टिहरी में 42, ऊधम सिंह नगर में 29 व उत्तरकाशी में 273 मवेशियों की मौत हो गई।
2953 घर हुए क्षतिग्रस्त
आपदा से 2953 घर क्षतिग्रस्त हुए, जिसमें अल्मोड़ा में 407, बागेश्वर में 256, चमोली में 16, चंपावत में 1069, देहरादून 161, हरिद्वार में चार, नैनीताल में 70, पौड़ी में 75, पिथौरागढ़ में 404, रुद्रप्रयाग में 147, टिहरी में 42, ऊधम सिंह नगर में 29 तथा उत्तरकाशी में 273 घरों को नुकसान हुआ।