क्या फिर जेल जाएगा निठारी हत्याकांड का आरोपी सुरेंद्र कोली? सुप्रीम कोर्ट 25 मार्च को करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निठारी कांड में सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल अपीलों पर 25 मार्च 2025 से अंतिम बहस शुरू करने का निर्णय लिया है। शीर्ष अदालत ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह इस हत्याकांड से जुड़े अन्य सभी मामलों के रिकॉर्ड जल्द से जल्द जिला अदालत से मंगाए और इसकी प्रति संबंधित पक्षों को मुहैया कराए। जस्टिस बी.आर. गवई और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह निर्देश इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली सीबीआई की अपील पर विचार करते हुए दिया।
इससे पहले, सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि यह मामला राजधानी से सटे नोएडा के निठारी गांव में हुई ‘बहुत गंभीर और वीभत्स’ हत्याओं से जुड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल इस हत्याकांड में कारोबारी मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को बरी करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली सीबीआई, उत्तर प्रदेश सरकार और पीड़ित लड़कियों में से एक के पिता पप्पू लाल की ओर से दाखिल अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई करने की सहमति व्यक्त की थी।
सीबीआई ने पीठ को बताया कि कोली एक सीरियल किलर था, जो छोटी लड़कियों को बहला-फुसलाकर उनकी हत्या करता था। पीठ को यह भी बताया गया था कि हत्याएं ‘बहुत ही भयानक’ थीं और नरभक्षण के आरोप थे और जिला अदालत ने दोषी सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2023 में इसे पलटते हुए कोली को बरी कर दिया था।
हाईकोर्ट ने पंढेर और कोली को बरी कर दिया था
हाईकोर्ट ने जिला अदालत के फैसले के खिलाफ दाखिल पंढेर और कोली की अपील स्वीकार कर उन्हें बरी कर दिया था। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि अभियोजन पक्ष परिस्थितिजन्य साक्ष्य के आधार पर मामले के तय मानदंडों पर दोनों आरोपियों का अपराध साबित करने में पूरी तरह से विफल रहा।
सत्र अदालत ने फांसी की सजा दी थी
सत्र अदालत ने निठारी हत्याकांड में कारोबारी मोनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में और कोली को 12 मामलों का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। निठारी हत्याकांड में पंढेर और कोली के खिलाफ 2007 में कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे।