दो फाड़ हुए संगठन के कार्यकर्ता, क्या 75 लोगों की गिरफ्तारी से डर गए किसान? कई दिल्ली कूच के लिए अडिग
ग्रेटर नोएडा। दलित प्रेरणा स्थल और यमुना एक्सप्रेस वे के जीरो प्वाइंट पर पुलिस प्रशासन की कार्रवाई के बाद किसान संगठन आगे की रणनीति को लेकर दो धड़ों में बंटते नजर आ रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल कुछ किसान संगठनों दिल्ली कूच पर अडिग रहने के साथ गिरफ्तारी देने के पक्ष में हैं।
उन्होंने आज यानि शुक्रवार को भी जीरो प्वाइंट से दिल्ली कूच का ऐलान कर रखा है। वहीं अन्य संगठन दलित प्रेरणा स्थल पर प्रशासन की ओर से वार्ता के लिए सात दिन की मोहलत का इंतजार करने के पक्ष में हैं। किसान संगठनों के अलग-अलग राह पकड़ने से आंदोलन की दिशा बदल सकती है।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन कर रहे किसान
दस प्रतिशत आबादी भूखंड, नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ देने और हाई पावर कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग को लेकर 25 नवंबर से संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले दस किसान संगठन आंदोलन कर रहे हैं।
पुलिस ने 75 किसनों को किया गिरफ्तार
दो दिसंबर को दिल्ली कूच और बुधवार को जीरो प्वाइंट पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 75 किसानों को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया है। 112 किसानों को केस दर्ज किया है। किसान संगठनों से कई नेता भूमिगत हैं। वाट्सएप ग्रुप और फेसबुक लाइव के जरिये अपने संदेश लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
लोगाें के बहकावे में आकर कोई कदम नहीं उठाएं
भारतीय किसान यूनियन के पश्चिम उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने शुक्रवार को फेसबुक पर लाइव आकर संगठन कार्यकर्ताओं को से कहा कि अन्य लोगाें के बहकावे में आकर कोई कदम नहीं उठाएं। किसान हमेशा से वार्ता के पक्षधर रहे हैं। पहले समस्याओं का हल वार्ता से करने का प्रयास करना चाहिए। किसान इसके लिए हमेशा तैयार रहे हैं।
दिल्ली कूच करेंगे किसान
वहीं, प्रशासन ने वार्ता के लिए सात दिन का समय दिया था, उसका इंतजार करें। अगर वार्ता में कोई ठोस फैसला नहीं होता है तो आगे आंदोलन के लिए तैयार रहें। वहीं दूसरी ओर संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल व अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष एवं भूमिगत चल रहे डा. रूपेश वर्मा ने बृहस्पतिवार को प्रेसनोट जारी कर ऐलान किया था कि शुक्रवार को दोपहर 12 बजे जीरो प्वाइंट पर हजारों किसान एकत्र होकर दिल्ली कूच करेंगे।
किसान प्रशासन की गिरफ्तारी व दमनकारी नीति से डरने वाले नहीं है। गांव-गांव में किसान गिरफ्ती के लिए तैयार बैठे हैं। मोर्चा में शामिल जय जवान जय किसान मोर्चा के प्रवक्ता सुनील फौजी भी भूमिगत हैं। उन्हाेंने भी बृहस्पतिवार को ऐलान किया था कि शुक्रवार को किसान दलित प्रेरणा स्थल पर दोबारा महापड़ाव के लिए जाएंगे। किसान संगठनों के अलग-अलग रुख से आंदाेलन की धार कुंद हो सकती है।